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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2799
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलन - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- कैटेल द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के शीलगुणों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।

अथवा
व्यक्तित्व शीलगुणों में कैटेल के योगदान की व्याख्या कीजिए।
अथवा
सतही शीलगुण किसे कहते हैं?
अथवा
मूल शीलगुण व्यक्तित्व को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?

उत्तर -

कैटेल का योगदान

शीलगुण सिद्धान्त में आलपोर्ट के बाद कैटेल का नाम अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। कैटेल ने शीलगुण सिद्धान्त में अपना विशेष योगदान करके व्यक्तित्व की व्याख्या महत्वपूर्ण ढंग से की है। कैटेल ने प्रमुख शीलगुणों की खोज शुरुआत आलपोर्ट द्वारा बतलाए गए 18,000 शीलगुणों में से 4,500 शीलगुणों को चुनकर किया। बाद में इनमें से समानार्थ शब्दों को एक साथ मिलाकर इसकी संख्या उन्होंने 200 कर दी और फिर बाद में विशेष सांख्यिकीय विधि यानि कारक विश्लेषण के सहारे अन्तर सहसम्बन्ध द्वारा उसकी संख्या 35 कर दी।

कैटेल ने शीलगुणों को कई ढंग से विभाजित कर अध्ययन किया है। उनका सबसे मशहूर वर्गीकरण वह है, जिसमें उन्होंने व्यक्तित्व के शीलगुणों को सतही शीलगुण तथा मूल या स्रोत शीलगुण के रूप में विभाजन किया है

(i) सतही शीलगुण - इस तरह का शीलगुण व्यक्तित्व के ऊपरी सतह या परिधि पर होता है यानि इस तरह के शीलगुण ऐसे होते हैं जो व्यक्ति के दिन-प्रतिदिन की अन्तः क्रिया में आसानी से अभिव्यक्त हो जाते हैं। इसकी अभिव्यक्ति इतनी स्पष्ट होती है कि सम्बन्धित शीलगुण के बारे में व्यक्ति में कोई दो मत हो ही नहीं सकते हैं। जैसे प्रसन्नता, परोपकारिता, सत्यनिष्ठा, कुछ ऐसे शीलगुण हैं, जिसकी अभिव्यक्ति व्यक्ति के दिन-प्रतिदिन की अन्तःक्रिया में स्पष्ट रूप से होती है।

(ii) स्रोत या मूल शीलगुण - कैटेल के अनुसार मूल शीलगुण व्यक्तित्व की अधिक महत्वपूर्ण संरचना है तथा इसकी संख्या सतही शीलगुण के समान, व्यक्ति के दिन-प्रतिदिन की अन्तः क्रिया में स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं हो पाती है। अतः इसका प्रेक्षण सीधे नहीं किया जा सकता है। कैटेल के अनुसार मूल शीलगुण व्यक्तित्व की भीतरी संरचना होती है, जिसके बारे में हमे ज्ञान तब होता है, जब हम उससे सम्बन्धित सतही शीलगुण को एक साथ मिलाने की कोशिश करते हैं। जैसे- सामुदायिकता, निस्वार्थता तथा हास्य, तीन ऐसे सतही शीलगुण हैं, जिनको एक साथ मिलाने से एक नया मूल शीलगुण बनता है, जिसे मित्रता की संज्ञा दी जाती है। कैटेल ने सतही शीलगुण को "शीलगुण सूचक" भी कहा है। कैटेल के अनुसार 23 मूल शीलगुण ऐसे हैं जो सामान्य व्यक्तियों में पाये जाते हैं तथा 12 ऐसे मूल शीलगुण हैं, जो असामान्य व्यक्तियों में पाये जाते हैं और इसे मापने के लिए उन्होंने एक विशेष प्रश्नावली भी तैयार की, जिसे सोलह व्यक्तित्व कारक प्रश्नावली की संज्ञा दी गयी है।

सामान्य रूप से मूल शीलगुण को कैटेल ने दो भागों में बाँटा है - पर्यावरण प्रभावित शीलगुण तथा स्वाभाविक शीलगुण। कुछ मूल शीलगुण ऐसे होते हैं जिनके विकास में आनुवंशिकता की अपेक्षा वातावरण सम्बन्धी कारकों का अधिक प्रभाव पड़ता है। इन्हें पर्यावरण प्रभावित शीलगुण कहा जाता है। कुछ ऐसे शीलगुण होते हैं, जिनके विकास में वातावरण की अपेक्षा आनुवंशिकता का प्रभाव अधिक पड़ता है इनको स्वाभाविक शीलगुण कहा जाता है।

कैटेल ने शीलगुणों का विभाजन उस व्यवहार पर भी किया है, जिससे वे सम्बन्धित होते हैं। इस कसौटी के आधार पर शीलगुण के तीन प्रकार हैं-

(i) गत्यात्मक शीलगुण - वैसे शीलगुण को कहा जाता है, जिससे व्यक्ति का व्यवहार एक खास लक्ष्य की ओर अग्रसित होता है। मनोवृत्ति, अर्ग तथा मनोभाव गत्यात्मक शीलगुण के उदाहरण हैं।

(ii) क्षमता शीलगुण - से तात्पर्य कुछ वैसे शीलगुणों से होता है जो किसी लक्ष्य तक पहुँचने में काफी प्रभावशाली होते हैं।

(iii) चित्तप्रकृति शीलगुण - से तात्पर्य वैसे शीलगुण से होता हैं जो किसी लक्ष्य पर पहुँचने के प्रयास से उत्पन्न होता है तथा जिसका सम्बन्ध व्यक्ति की संवेगात्मक स्थिति, अनुक्रिया करने की शक्ति तथा दर आदि से सम्बन्धित होता है। सांवेगिक स्थिरता, मस्तमौलापन आदि चित्त प्रकृति शीलगुण के कुछ उदाहरण हैं।

कैटेल ने यह भी स्पष्ट किया है कि व्यक्तित्व के शीलगुणों का अध्ययन करने के लिए मूलतः तीन स्रोत हैं- जीवन अभिलेख, आत्म रेटिंग तथा वस्तुनिष्ठ परीक्षण, पहले स्रोत से प्राप्त आँकड़ों को L-data. दूसरे स्रोत से प्राप्त आँकड़ों को Q-data तथा तीसरे स्रोत से प्राप्त आँकड़ों को O-T-data कहा जाता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- शिक्षा में मापन के अर्थ एवं विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  2. प्रश्न- मापन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- शैक्षिक मापन की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- मापन की उपयोगिता एवं महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन की अवधारणा एवं अर्थ को स्पष्ट करते हुए इसकी उपयोगिता भी स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए !
  7. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन की उपयोगिता स्पष्ट कीजिए।
  8. प्रश्न- मापन और मूल्यांकन में सम्बन्ध बताइए।
  9. प्रश्न- मापन एवं मूल्याँकन में क्या अन्तर है? शिक्षा में इनकी क्या आवश्यकता है?
  10. प्रश्न- शिक्षा में मूल्यांकन के उद्देश्य और कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  11. प्रश्न- सतत् और व्यापक मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? विस्तार से वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- आकलन क्या है तथा आकलन क्यों किया जाता है? विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं के आधार पर परिभाषित कीजिए।
  13. प्रश्न- आकलन के क्षेत्र उनकी आवश्यकता तथा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में आकलन की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  14. प्रश्न- शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में आकलन के प्रकार तथा इसकी विशेषताएँ एवं उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
  15. प्रश्न- आकलन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  16. प्रश्न- आकलन प्रक्रिया के सोपान कौन-कौन से हैं?
  17. प्रश्न- भौतिक तथा मानसिक मापन क्या होता है? इनका तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  18. प्रश्न- सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए। सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के उद्देश्यों तथा उसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- अच्छे मापन की विशेषतायें बताइये।
  20. प्रश्न- मापन कितने प्रकार का होता है?
  21. प्रश्न- शैक्षिक मापन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  22. प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्य बताइये।
  23. प्रश्न- मापन एवं मूल्यांकन के विशिष्ट उद्देश्य बताइए।
  24. प्रश्न- सतत् तथा व्यापक मूल्यांकन का क्या महत्त्व है? वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सतत् और व्यापक मूल्यांकन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  26. प्रश्न- परीक्षण मानक को विस्तार से समझाइये।
  27. प्रश्न- मानक से आप क्या समझते हैं? ये कितने प्रकार के होते है? अच्छे मानकों की विशेषताएँ बताइए।
  28. प्रश्न- मानक कितने प्रकार के होते हैं?
  29. प्रश्न- अच्छे मानकों की विशेषताएँ बताइए।
  30. प्रश्न- अंकन तथा ग्रेडिंग प्रणाली का अर्थ बताते हुए दोनों के बीच क्या अन्तर है? व्याख्या कीजिए।
  31. प्रश्न- वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रचलित क्रेडिट सिस्टम क्या है? इसके लाभ और हानि पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- मानक परीक्षण 'मानक' क्या होते हैं?
  33. प्रश्न- मानक क्या है? मानकों के प्रकार बताइये।
  34. प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से क्या आशय है? इसके उद्देश्य एवं महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- उपलब्धि परीक्षणों के उद्देश्य बताइये।
  36. प्रश्न- उपलब्धि परीक्षणों का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
  37. प्रश्न- प्रमापीकृत परीक्षण का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं को बताइये।
  38. प्रश्न- प्रमापीकृत परीक्षण की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  39. प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण से आप क्या समझते हैं? एक अच्छे परीक्षण की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण की विशेषतायें बताइये।
  41. प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- परीक्षण की प्रकृति के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
  43. प्रश्न- परीक्षण के द्वारा मापे जा रहे गुणों के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
  44. प्रश्न- परीक्षण के प्रशासन के आधार पर परीक्षणों के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
  45. प्रश्न- परीक्षणों में प्रयुक्त प्रश्नों के आधार पर परीक्षणों के विभिन्न प्रकार लिखिए।
  46. प्रश्न- प्रश्नों के उत्तर के फलांकन के आधार पर परीक्षणों का वर्गीकरण, कीजिए।
  47. प्रश्न- परीक्षण में लगने वाले समय के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
  48. प्रश्न- "निबन्धात्मक परीक्षण की कमियों को दूर करने के लिए वस्तुनिष्ठ परीक्षण की आवश्यकता है।" इस कथन के सन्दर्भ में वस्तुनिष्ठ परीक्षण की उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- निबन्धात्मक परीक्षाओं के गुण एवं दोषों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- निबन्धात्मक परीक्षाओं के दोषों का वर्णन कीजिए।
  51. प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण का अर्थ स्पष्ट कीजिए। इसके उद्देश्य, गुण व दोषों की विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के उद्देश्य बताइए।
  53. प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षणों के प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के प्रमुख दोषों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- परीक्षणों का वर्गीकरण कीजिए।
  56. प्रश्न- मापीकृत उपलब्धि परीक्षण और अध्यापककृत उपलब्धि परीक्षणों में अन्तर बताइये।
  57. प्रश्न- बुद्धि के प्रत्यय / अवधारणा को बताते हुए उसके अर्थ एवं परिभाषा तथा बुद्धि की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  58. प्रश्न- बुद्धि को परिभाषित कीजिये। इसके विभिन्न प्रकारों तथा बुद्धिलब्धि के प्रत्यय का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों तथा महत्व का वर्णन कीजिए।
  60. प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
  61. प्रश्न- 'बुद्धि आनुवांशिकता से प्रभावित होती है या वातावरण से। स्पष्ट कीजिये।
  62. प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  63. प्रश्न- व्यक्तिगत एवं सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? व्यक्तिगत तथा सामूहिक बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ एवं सीमाएँ बताइये।
  64. प्रश्न- व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ बताइये।
  65. प्रश्न- व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण की सीमायें बताइये।
  66. प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
  67. प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ बताइए।
  68. प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण की सीमाएँ बताइए।
  69. प्रश्न- संवेगात्मक बुद्धि से आप क्या समझते हैं? संवेगात्मक लब्धि के विचार पर टिप्पणी लिखिये।
  70. प्रश्न- बुद्धि से आप क्या समझते हैं? बुद्धि के प्रकार बताइये।
  71. प्रश्न- वंशानुक्रम तथा वातावरण बुद्धि को किस प्रकार प्रभावित करता है?
  72. प्रश्न- संस्कृति परीक्षण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
  73. प्रश्न- परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या से क्या आशय है?
  74. प्रश्न- उदाहरण सहित बुद्धि-लब्धि के प्रत्यन को स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- बुद्धि परीक्षणों के उपयोग बताइये।
  76. प्रश्न- बुद्धि लब्धि तथा विचलन बुद्धि लब्धि के अन्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
  77. प्रश्न- बुद्धि लब्धि व बुद्धि के निर्धारक तत्व बताइये।
  78. प्रश्न- शाब्दिक एवं अशाब्दिक बुद्धि परीक्षणों के अंतर को उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
  79. प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? उनका निर्धारण कैसे होता है? व्यक्तित्व की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- व्यक्तित्व के जैविक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- व्यक्तित्व से आप क्या समझते हैं? इसकी उपयुक्त परिभाषा देते हुए इसके अर्थ को स्पष्ट कीजिये।
  82. प्रश्न- व्यक्तित्व कितने प्रकार के होते हैं? विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व का वर्गीकरण किस प्रकार किया है?
  83. प्रश्न- व्यक्तित्व के विभिन्न उपागमों या सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  84. प्रश्न- व्यक्तित्व पर ऑलपोर्ट के योगदान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।-
  85. प्रश्न- कैटेल द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के शीलगुणों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  86. प्रश्न- व्यक्ति के विकास की व्याख्या फ्रायड ने किस प्रकार दी है? संक्षेप में बताइए।
  87. प्रश्न- फ्रायड ने व्यक्तित्व की गतिकी की व्याख्या किस आधार पर की है?
  88. प्रश्न- व्यक्तित्व के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  89. प्रश्न- व्यक्तित्व के मानवतावादी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  90. प्रश्न- कार्ल रोजर्स ने अपने सिद्धान्त में व्यक्तित्व की व्याख्या किस प्रकार की है? वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- व्यक्तित्व सूचियाँ क्या होती हैं तथा इसके ऐतिहासिक विकास क्रम के बारे में समझाइए?
  92. प्रश्न- व्यक्तित्व के शीलगुणों का वर्णन कीजिये।
  93. प्रश्न- प्रजातान्त्रिक व्यक्तित्व एवं निरंकुश व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिये।
  94. प्रश्न- शीलगुण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  95. प्रश्न- शीलगुण उपागम में 'बिग फाइव' ( OCEAN) संप्रत्यय की संक्षिप्त व्याख्या दीजिए।
  96. प्रश्न- प्रक्षेपी प्रविधियों के प्रकार तथा गुण-दोष बताइए।
  97. प्रश्न- प्रक्षेपी प्रविधियों के गुण बताइए।
  98. प्रश्न- प्रक्षेपी प्रविधियों के दोष बताइए।
  99. प्रश्न- प्रक्षेपी विधियाँ किसे कहते हैं? इनका अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  100. प्रश्न- प्रक्षेपी विधियों की प्रकृति तथा विशेषताएँ बताइये।
  101. प्रश्न- अभिक्षमता क्या है? परिभाषा भी दीजिए तथा अभिक्षमता कितने प्रकार की होती है? अभिक्षमता की विशेषताएँ क्या हैं?
  102. प्रश्न- अभिक्षमता परीक्षण के मापन पर प्रकाश डालिए।

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